Gold की खरीददारी कम करके आप देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं। ये सुनकर आपको कुछ अजीब लगा होगा। मगर ऐसा ही है दरअसल सोने की खरीददारी हमारे देश के विकास में रोड़ा बनकर सामने आ जाती है। Gold और देश का विकास ये दोनों ही ऐसी बातें हैं जिन्हें समझने के लिए हम, आप क्या बड़े बड़े ज्ञानी अटक जाते हैं।
तो चलिए जानते हैं कि किस तरह हम देश के Development में हम अपने Participation को बढ़ा सकते हैं। ये समझने के लिए हमें जानना होगा कि गोल्ड की कीमत किन-किन चीजों पर असर डालती है।
गोल्ड का देश में असर-
गोल्ड का असर देश-विदेश हर जगह पड़ता है। दरअसल गोल्ड की कीमत International Market पर निर्भर होती है।
- देश के Current Account Deficit पर असर
- महंगाई पर असर
- आर्थिक मजबूती पर असर
- Export पर असर
देश के चालू खाते पर गोल्ड का असर-
गोल्ड का असर हमारे देश के CAD(Current Account Deficit) पर सीधे पड़ता है, क्योंकि हमारे यहां सोना काफी ज्यादा Import किया जाता है। ये Import हमारे देश के export से काफी ज्यादा है, जब किसी देश का export कम रहता है तो उसका असर CAD(Current Account Deficit) पर पड़ता है। इसका असर उस देश की Currency की कीमतों पर भी दिखाई देता है।
महंगाई-
जब किसी देश की Currency की कीमत बढ़ जाती है, तो उस देश में महंगाई होना लाजिमी है। जब जब रुपये की कीमत International Market में कम होती है, तब तब देश में Gold की कीमतें भी बढ़ जाती है। चूंकि इंडिया में Gold की Demand बहुत ज्यादा है, मगर यहां न तो कोई बड़ी खदान है और न ही सरकार के पास गोल्ड का बड़ा संग्रहण। इसलिए हमें सोने को दूसरे देशों से Import करना होता है। Import की वजह गोल्ड पर अच्छी खासी Import Duty भी लगती है।
आर्थिक मजबूती-
जिस देश में जितना सोने का भंडार होता है, वो देश उतना ही Powerful और आर्थिक रूप से मजबूत रहता है। हमारा देश तो रत्नों और आभूषणों का सबसे बड़ा Importer है। रत्न और आभूषण देश की अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाती हैं, इसी की वजह से बड़ी मात्रा में हमारी विदेशों में चली जाती है। कई देश अपनी मुद्राओं (Currencies) को सोने से जोड़कर रखे हैं, जिसमें इंडिया भी शामिल हैं। दरअसल भारत में नोटो की छपाई Minimum Reserve System के आधार पर किया जाता है। इसके अनुसार RBI Bank के पास ये अधिकार है कि वो RBI फंड में कम से कम 200 करोड़ रुपये की Value की संपत्ति अपने पास हर समय रखे। इस 200 करोड़ में 115 करोड़ का सोना और बाकि 85 करोड़ की विदेशी संपत्ति (Foreigner Property) रखना जरूरी है। इसलिए भी सोने का घर में होने से जरूरी ज्यादा जरूरी सरकार के पास होना है।
Export का असर-
जब Export बढ़ता है तो देश में विदेशी पैसे यानि डॉलर आते हैं। चूंकि विश्वबाजार का मानक ही डॉलर हैं। इसलिए आपके पास जितने डॉलर्स होंगे, आपके देश की Economic हालात उतने ही अच्छे होंगे। हमारे यहां सोने की कोई बड़ी खदान नहीं है और यहां डिमांड तो बहुत ज्यादा है इसलिए सरकार को विदेशों से सोना खरीदना पड़ता है। Gold बनाने का Process भी काफी बड़ा है। अपने यहां Gold Mining काफी कम है, चीन तो 2016 में दुनिया का सबसे बड़ा Gold Production करने वाला देश बन गया था। चूंकि सोना बनने का Process काफी खर्चीला होता है इसलिए भी इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है। इससे भी देश की सामाजिक और आर्थिक विकास को असर पड़ता है। गोल्ड शुद्ध अवस्था में बहुत कम मिलता है, इसलिए इसको रिफाइन करने में काफी पैसा लग जाता है। इस समय देश में गोल्ड रिफाइनिंग की कैपिसिटी 1,450 टन से ज्यादा है।
गोल्ड की कीमत किस पर dependent है ?
हम Indians का Gold के प्रति प्यार किसी से छुपा नहीं है। शादी-विवाह हर जगह सोने का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि हमारे देश में सिर्फ महिलाओं द्वारा Store किए गए सोने को देखे जाएं तो ये मात्रा पूरी दुनिया के सोने के स्टोरेज का 11% है। चलिए ये देख लेते हैं कि गोल्ड की कीमत किन बातों पर निर्भर करती है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार का भाव
- सोने की डिमांड
International Market -
इंडिया में सोने की कीमत अंतर्राष्ट्रीय भाव पर निर्भर करती है, इसलिए जब सोने का International price बढ़ता है, तो इंडिया में भी सोने की कीमत बढ़ जाती है। हमारे यहां सोने की ज्यादा खानें नहीं है और यहां डिमांड बहुत ज्यादा है इसलिए सोने को Import करना पड़ता है। अपने यहां सरकार बैंक और कुछ प्राइवेट बैंक सोना Import करती है, इसके साथ ही कुछ एजेंसीज भी है जो विदेश से सोना खरीदकर डीलर्स को भेजती हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, सिंडिकेट बैंक आदि सोने के Importer हैं। बाद में यही बैंक सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत के हिसाब से उसे Indian Currency में बदलते हैं और फिर उस पर Import Duty भी जोड़े देते हैं।
इससे साथ ही सोने की कीमत हर शहर के Bullion Association द्वारा निर्धारित की जाती है। हर शहर में एक सोने का डीलर्स एसोसिएशन होता है और वे सोने की कीमतों का निर्धारण करते हैं और फिर इसके बाद Retailers तक भेज दिया जाता है। अलग-अलग राज्यों की कीमत भी अलग-अलग होती है, इसकी वजह ये हैं कुछ राज्यों में Transport Cost की लागत ज्यादा होती है। मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे शहरों में सोने के भाव कम होते हैं क्योंकि यहां के बंदरगाह में Gold सीधे पहुंचता है जिससे दूसरे खर्च बच जाते हैं।
Gold की डिमांड-
Gold की डिमांड पूरी दुनिया में हर जगह है। सोने के Storage के आधार पर देश की Economy का निर्णय लिया है। यहां सोने के भंडारण से मतलब ये हैं कि जिस देश में सोना जितना ज्यादा Circulate होता रहता है। हमारे यहां सोना है तो बहुत पर वो मार्केट में Circulate नहीं हो पाता है। हमारे यहां लोग सोना खरीदकर लोग अपने पास रख लेते हैं और मार्केट में जो चीजें Circulation में रहती हैं उनसे और पैसे बनते हैं। मगर जो चीजें Circulate नहीं हो पाता है तो पैसा वहीं रुक जाता है और उससे और पैसे भी नहीं बन पाते हैं। इस समय अमेरिका के पास सबसे ज्यादा सोना है और वो दुनिया की सबसे बड़ी Economy भी है।
ये तो वजह बाकि देशों के रहे। हमारे यहां तो सोने को एक ज्वैलरी मानते हैं और उसको आस्था से जोड़कर रखते हैं। जब भी कोई शुभ काम होगा तो वहां गोल्ड का इस्तेमाल जरूर होगा, इसलिए भी अपने देश में सोने की काफी ज्यादा मांग हैं।
क्यों खरीदते हैं गोल्ड?
हम भारतीय सोने की खरीददारी बहुत ज्यादा करते हैं। यहां तक कि सोना इम्पोर्ट करने में इंडिया दुनिया में पहले स्थान पर है। हमारे यहां सोना खरीदने की बहुत सारी वजह हैं, कुछ वजह को हम यहां Point Out करेंगे।
- शादी-विवाह के लिए
- दिखावे के लिए
- आस्था के लिए
- भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए
Interesting गोल्ड के बारे में Interesting Facts-
चलिए अब इस गोल्ड से जुड़े कुछ Interesting Facts जान लेते हैं-
- World Gold Council के मुताबिक दुनियाभर में करीब 2 लाख टन सोना है, जिसमें इंडिया के पास टोटल 24 हजार टन सोना मौजूद है। सिर्फ भारतीय महिलाओं की बात करें तो 21 हजार टन सोना जो दुनिया में मौजूद सोने का 11% है, वो भारतीय महिलाओं के पास ही है। अगर भारतीय बैंक की बात करे तो उनके पास सिर्फ 750 टन सोना है, जिसमें से करीब 566 टन सोना RBI ने रखा है। और तो और भारत के मंदिरों में 2500 टन सोना मौजूद हैं। इसी रिपोर्ट के मुताबिक अगर अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली और फ्रांस के भंडार में मौजूद सोने को मिला दिया जाए तो भी भारतीय महिलाओं के पास उनसे भी 3 गुना ज्यादा सोना है। भारत दुनियाभर में सबसे ज्यादा सोना Import करता है। यहां साल भर जितना सोना होता वो घरों में जमा हो जाता है और लोग उसे सहेजकर रख लेते हैं। रखे होने की वजह से सोना Circulate नहीं हो पाता है और वो उससे पैसे बनने बंद हो जाते हैं।
- भूकंप आने पर पानी गोल्ड में बदल जाता है।
- मानव शरीर में 0.2 मिलीग्राम सोना पाया जाता है, जो कि हमारे ब्लड में होता है।
- सूरज में बहुत ज्यादा मात्रा में गोल्ड है।
- गोल्ड बहुत ही दुर्लभ धातु है। सोना किसी भी दूसरे मेटल से React नहीं करता है। सोने को सिक्के और ज्वलैरी में ढ़ालना काफी आसान होता है। सोने से बना कोई भी प्रोडेक्ट काफी वक्त तक वैसा ही रहता है और खराब नहीं होता है।
- गोल्ड पर किसी भी मौसम का असर नहीं पड़ता है।
Gold का इस्तेमाल कहां कहां किया जाता है?
गोल्ड एक ऐसा मेटल हैं जो कई जगह इस्तेमाल किया जाता है। गोल्ड का क्षेत्र बहुत ही ज्यादा फैला हुआ है। कुछ प्रमुख जगह जहां गोल्ड का इस्तेमाल सबसे ज्यादा है।
- Jewelry
- Currency
- Electronics
- Aerospace
- Medical
अंत में यही कहना चाहूंगी कि इस blog से आप ये तो समझ गए होंगे कि हमारे देश में इतना सोना होने के बावजूद हम एक बेहतर Economy में नहीं आते हैं। इसकी वजह ये हैं कि हमारे यहां Gold को घरों में रख लिया जाता है, इसलिए अगर आप gold इस्तेमाल ही करना है तो ऐसे कम से कम करें।
अगर देश के विकास में सही में भागीदार बनना चाहते हैं, तो सोने का इस्तेमाल न के बराबर करें। ताकि सरकार जो सोना import करके लाएं उसे अपने भंडारण में रखे और उसे पैसे में तब्दील कर सके।
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