Financial Planning in Hindi: फाइनेंसियल प्लानिंग के टिप्स
Finance planning, हमारी जिंदगी का सबसे अहम पहलू है। आज के समाज में financial planning हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है। जैसा कि हम सब जानते हैं जिस तरह जीने के लिए खाने की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह पैसे की भी जरूरत होती है। अगर हमारे पास पैसा है तो उसे अच्छे से रखना और मैनेज करना भी जरूरी हो जाता है।
तो चलिए सिलसिलेवार से जानते हैं finance से जुड़े सभी अहम पहलू को
Finance क्या है?
Finance को हिंदी में वित्त कहते हैं। वित्त यानि पैसे से जुड़ी सभी गतिविधियां जैसे- किसी से पैसे उधार लेना, इनवेस्टमेंट करना, बजट तैयार करना। पैसा वो शब्द है, जो दुनिया के सभी चीजों से जुड़ी है। किसी भी चीज को खरीदने के लिए हमारे लिए सबसे जरूरी पैसे ही हैं।
जब पैसा हमारे लिए इतना ज्यादा महत्वपूर्ण है, तो हम पैसे के मैनेजमेंट को इतना ज्यादा neglect क्यों करते हैं?
दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह ये हैं कि हमारे स्कूल, कॉलेज या फिर यूनिवर्सिटी में पैसे कमाने के बारे में तो पढ़ाते हैं मगर पैसों को मैनेज करना नहीं पढ़ाते और न ही पैसों को मैनेज करने का कोई तरीका सीखते हैं।
पैसा हर चीज से जुड़ी है, अगर आपके पास पैसा है तो आप दुनिया में सम्मानित है। यही वजह है कि कोई भी देश तब ही दुनिया में अपने power को दिखा पाता है, जब उसकी economy अच्छी ख़ासी होती है, इसलिए दुनियाभर में सभी देश economy को बढ़ाने के लिए काम करते रहते हैं। यूएस इसका जीता जागता उदाहरण है, यूएस की economy दुनिया में पहले नंबर पर है इसलिए वो दुनिया का सबसे पॉवरफुल देश माना जाता है।
वैसे इस blog में हम आपको finance planning से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे देंगे, जिससे आपको financial planning के लिए किसी और की जरूरत नहीं होगी आप खुद ही finance planning करने के लिए सक्षम हो जाएंगे।
Finance कितने प्रकार के होते हैं?
Finance Planning समझने से पहले आप ये समझ लें कि finance किस-किस तरह के होते हैं- वैसे तो finance की प्रकार की कोई सीमा नहीं है पर मुख्य रूप से देखें जाएं तो तीन प्रकार के finance हैं- Public Finance, Corporate Finance & Personal Finance.
अब चलिए बारी-बारी से सभी Finance को विस्तार से समझते हैं-
Public Finance
Finance से जुड़ी गर्वनमेंट की चीजों को जानना और समझना Public Finance होता है। जिससे मार्केट में सरकारी नियमों के फेरबदल से जो भी outcome आ रहा हो, उसकी भी जानकारी लग सके। इसके अंतर्गत सरकार की पैसों को जुड़ी सभी activities को track करना है। इसके अंतर्गत government के सभी इनकम, खर्चों, taxation और policies का analysis करना आता है। Public Finance चार प्रमुख भाग में विभाजित है- Public Income, Public Expenditure, Public Debt, Financial Administration.
Corporate Finance
Corporate Finance एक तरह से वो finance होता है जिसमें फंडिंग, structural set up, investment, dividend आदि शामिल होता है। बिजनेस से जुड़ी सभी financial चीजें जैसे- इनवेस्टमेंट, लोन आदि, जिनका सीधा संपर्क देश के Corporate से होता है।
Personal Finance
अपने लिए इस्तेमाल किए गए पैसे या फिर खुद के पैसों को ही Personal Finance कहते हैं। इसमें अपने पैसे को मैनेज करने और संभालने से जुड़ी सभी चीजें समाहित हैं। इसके अंतर्गत बहुत सारी चीजें आती है जैसे- घर का खर्च, अपने खुद की कमाई का ब्यौरा रखना, खर्च करना, बचत करना और इनवेस्टमेंट करना।
यहां तक की हमसे और हमारे पैसे से जुड़ी सभी चीजें इसके अंतर्गत आती हैं जैसे- खुद की सैलरी, शॉपिंग, क्रेडिट कार्ड, होम लोन, पर्सनल लोन, स्टॉक मार्केट का पोर्टफोलियो, इनवेस्टमेंट, लाइफ इंश्योरेंस, कर्ज, प्रॉपर्टी।
Finance का एक और प्रकार होता है-
Equity Finance
शेयरहोल्डिंग के लिए किसी भी कंपनी में किया गया इनवेस्टमेंट या फिर किसी स्टार्टअप को दिया गया फंड।
Debt Finance
किसी व्यक्ति, संस्था या फिर कंपनी से उधार पर लिया गया पैसा होता है। उदाहरण- बैंक से लोन पर लिया गया पैसा।
कैसे करें Finance Planning?
इस तरह से हम ये तो जान गए कि Finance कितने प्रकार के होते हैं? लेकिन सिर्फ यही जानना हमारे लिए जरूरी नहीं है, सबसे ज्यादा जरूरी है कि ये जाने कि Finance की Planning कैसे करें?
दरअसल हर किसी के जिंदंगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इसलिए अगर आप अपने पैसों को पहले से ही संभालकर रखेंगे तो आपके लिए बहुत ज्यादा फ़ायदेमंद होगा।
आइए मिलकर इस Financial Planning की गुत्थी को स्टेप टू स्टेप समझते हैं
Finance Planning को मुख्य रुप से दो तरीके हैं-
- किसी एक्सपर्ट पर निर्भर रहे
- खुद निर्णय लें
देखिए आपकी आमदनी और खर्चों का हिसाब सबसे सही तरीके से आपके पास ही होगा। वैसे भी दुनिया में सबसे बेहतर कोई हमें समझ सकता है वो हम ही हैं। दुनिया में हर किसी का इनकम और खर्च अलग-अलग होता है, इसलिए हर किसी के लिए Financial Planning भी अलग होनी चाहिए। इसके साथ ही हमारे खर्च और इनकम हमेशा बदलते रहते हैं, इसलिए इसका लिहाज में हमें रखना चाहिए।
आइए स्टेप टू स्टेप समझें
1.अपनी Financial Status को समझें
आप खुद के खर्च को Observe करें और अपनी ऑरिजनल Financial Status को जाने और समझें। आप समझें कि आपके खर्च कैसे हैं? और कितने हैं? आप कितना कमाते हैं? कितना बचा लेते हैं?
अपनी खुद की Financial Status को जानने के लिए आपको अपने Finance को दो Financial Statement में बांटना पड़ेगा- Net Worth Statement & Cash Flow Statement.
Net Worth Statement में आप अपने प्रॉपर्टी, कर्ज और Liabilities को इकट्ठा लीखिए। इससे आप ये समझ पाएंगे कि आपके पास प्रॉपर्टी है कि नहीं और अगर हैं तो काम के हैं कि नहीं। इसका मतलब ये हुआ आपको अपनी Net Property के बारे में अच्छे से पता चल जाएगा।
Cash Flow Statement में आप अपने इनकम के सोर्स को लिखिए? आपकी Total कितनी इनकम है? आपके खर्च कितने हैं? आप महीनें में या फिर साल में कितने पैसे बचा पाते हैं?
जब आप इन सभी चीजों का आंकलन अच्छे ढंग से कर लेंगे तो आपको अपने Financial Status के बारे में पता चल जाएगा। यहां से आपके कई Key Point बनेंगे –
- आपके पास Net Property कितनी है?
- हर महीनें आपकी Net Income क्या है?
- आप ख़र्चों पर कितना नियंत्रण कर पाते हैं?
- इनवेस्टमेंट या फिर Issurance आपके लिए पर्याप्त है या नहीं?
- आपकी कमाई का कितना हिस्सा लोन के किस्त भरने में जा रहे हैं?
2.लक्ष्य का निर्धारण करें
इसके लिए भी एक लिस्ट तैयार कीजिए- जिसमें आप उन सभी चीजों को लिख दीजिए जिन्हें आप जिंदगी में पाना चाहते हैं। अच्छे से सभी चीजों को लिखिए और ये भी लिखिए कि ये चीजें आपको अपनी जिंदगी में कब चाहिए?
उदाहरण- आप अपनी खुद की कार और घर खरीदना चाहते हैं, तो आप पूरा अच्छे से लिखिए कि आपको कब तक ये चीजें चाहिए और उन चीजों की टोटल कीमत क्या होगी?
ऐसे ही आप अपने जीवन के सभी लक्ष्यों को क्रमबद्ध लिख लीजिए, जैसे-
- जब आपके बच्चें होंगे तो उनको पढ़ाई के लिए कब तक और कितने पैसों की जरूरत होगी?
- रिटायर होते समय आपके रिटायरमेंट फंड में कितने पैसे हो जाने चाहिए?
- अगर आपने कोई कर्ज लिया है तो वो कर्ज कब तक खत्म करना हैं?
- अगर आप विदेश घूमना चाह रहे हैं, तो कब और कितने पैसे में घूमेंगे?
3.अपने लक्ष्य और Financial Status के अंतर को देखें
आप अपने फिलहाल के Finance की स्थिति को खंगाले और अपने लक्ष्य को समझें। अगर आपको अपना लक्ष्य पूरा करना हैं, तो आपको ये स्टेप अपनाना ही पड़ेगा।
जैसे आपका लक्ष्य Jaguar Car खरीदने का है मगर आपकी महीने की सैलरी ही 15 हजार है, तो आपके अपने Financial Goal & Financial Status के गैप को देखना होगा।
4.Personal Financial Plan
इसमें आपको अपने लक्ष्यों और खुद की आर्थिक स्थिति के मुताबिक एक Financial Plan तैयार करना होगा। इस प्लान को बनाते समय आपके जहन में कई सवाल आएंगे।
जैसे-
- मुझे हर महीने या साल भर में कितने पैसे की बचत करनी होगी?
- अगर मेरी आमदनी मेरे लक्ष्यों से कम हैं, तो किस प्रकार से लक्ष्य प्राप्त किया जाए?
- इनकम बढ़ाने के लिए और क्या क्या किया जा सकता है?
- इनवेस्टमेंट के अलग-अलग कई विचार आएंगे।
- कितना का इनवेस्टमेंट कर किया जाए?
- इमरजेंसी फंड में कितना अमाउंट रखा जाए
जब ये प्लान तैयार हो जाएगा तो हमें अपने लक्ष्यों तक पहुंचने की एक बेहतर और सही रास्ते की उम्मीद दिखेगी। हमें महसूस होगा कि हम अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं? साथ में ये भी पता चल जाएगा कि हम अपने लक्ष्यों को किस तरह से पूरा कर सकते हैं?
5.Financial Plan को अमल में लाएं
देखिए कभी भी कोई चीज सिर्फ प्लान बनाने से नहीं होती है। उस प्लान पर अमल करने से चीजें होती हैं। अगर आपने बाकि सभी स्टेप को फॉलो किया मगर सिर्फ इस स्टेप को फॉलो नहीं किया तो आपके लिए आपका पूरा काम बेमानी होगा।
आपका कोई भी कभी नहीं हो पाएगा।
इसलिए अगर आपको अपने लक्ष्यों को पाना है, तो आप अमल करने की तैयारी में लग जाइए। उदाहरण के लिए अगर आपने सोचा है कि आपको स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट करके 5 करोड़ कमाने हैं, तो ये सिर्फ प्लान करने से नहीं होगा।
- आपको इसके लिए सबसे पहले अपना डिमैट अकाउंट ओपन करवाना होगा?
- आपको स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट को समझना होगा?
- इन सबसे महत्त्वपूर्ण ये है कि आपको इनवेस्टमेंट करना होगा?
6.अपने Progress को समय- समय पर Review करना
आपको अपने बनाएं प्लान पर अमल तो करना ही है, साथ ही आपको उसको review भी करना होगा। review में हमें ये देखना होगा-
- हमारा प्लान किस स्पीड से प्रोग्रेस कर रहा है?
- इनवेस्टमेंट से कितना लाभ हो रहा है?
- अगर इनवेस्टमेंट काम नहीं कर रहा है, तो नए विकल्पों को ढूढ़ा जाए?
अगर आप इन सभी स्टेप को सही तरीके से समझकर अमल में लाते हैं, तो निश्चित ही आपको पैसों की दिक्कत के लिए कभी परेशान नहीं होना होगा।
Finance Planning क्यों जरूरी है और इसके बारे में और जानकारी कैसे पाएं
Financial Planning के जरिए हम अपने Short Term और Long Term Financial Goals को बना सकते हैं और उन्हें हासिल भी कर सकते हैं। जब आपके पास पूरा लेखा-जोखा तैयार रहेगा तो आप खुद ही खर्चों पर लगाम लगा सकेंगे। अगर आप Finance से जुड़ी जानकारी रखेंगे तो आपको इस भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादा परेशान नहीं होना होगा।
अगर आपको Finance Planning या फिर Finance से भी जुड़ी और जानकारी चाहिए। तो आप Finance से जुड़ी क्लासेस ले सकते हैं। ये क्लासेस Offline & Online दोनों माध्यमों में मिल जाएगें।
Finance से जुड़े बहुत सारे कोर्सेस कई कॉलेज में पढ़ाए जाते हैं- MBA का कोर्स भी किया जा सकता है। और तो और आप इससे जुड़ी किताबें भी पढ़ सकते हैं, वहां से भी आपको अच्छी खासी जानकारी मिल जाएगी।
Finance में कैरियर के मौके
अगर आपके पास स्किल है और आप उस फील्ड में रुचि में रखते हैं, तो आप जरूर ही उस फील्ड में कैरियर बना सकते हैं। चूंकि दुनिया की सभी चीजें पैसा यानि Finance से जुड़ी है, तो आप Finance में कैरियर बनाने का Option भी दुनिया की सभी चीजों से जुड़ जाएगा।
Finance में कैरियर के मोके
या यूं कहें इस फील्ड में आपको कैरियर बनाने का बहुत ज्यादा स्कोप है।
यहां पर छोटे से Accounted के पोस्ट से लेकर बड़ी MNC कंपनियों के CEO तक बन सकते हैं।
Finance की जानकारी के बाद कैरियर में मिलने वाले मौके कुछ ऐसे हैं-
- आप Communication में Skill बनाकर अपना कैरियर बना सकते हैं।
- Writing के जरिए अच्छे पोस्ट पर काम कर सकते हैं।
- Finance के एक्सपर्ट बनकर
- पब्लिक रिलेशन ऑफिसर के तौर पर
- Finance Reporting कर सकते हैं।
- Finance Analyst के तौर पर
- Finance Problem Solver के तौर पर
- Communication technologist के तौर पर
- Management से जुड़े कार्य में
- Commercial data expert क तौर पर
Finance में स्कोप
Finance से जुड़े कुछ मुख्य फील्ड है, जहां आप आसानी से बताएं गए इन विभागों में काम कर सकते हैं। वो फील्ड कुछ इस तरह हैं-
- Banks
- Investment Companies
- Insurance Companies
- Real Estate
यहां तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से 2026 तक Finance Expert के Jobs में 11% की बढ़ोत्तरी होगी।
हम Finance Planning करते समय कौन-कौन सी गलतियां करते हैं?
Finance plan करते समय कई ऐसी गलतियां करते हैं, जो दिखने में तो बहुत छोटी होती है मगर हमारे पूरे प्लान पर पानी फेर देती है और यहीं छोटी गलतियां हमारे प्लान को बर्बाद कर देती है। कुछ गलतियों को हम फोकस कर रहे हैं, इस गलतियों को देखकर आप पहले ही समझ जाइएं कि आपको ये गलती कभी नहीं करनी है।
जैसे-
- सबकुछ गलत होगा ये सोच रखना।
- अपनी क्षमता से ज्यादा की प्लानिंग कर लेना।
- अपने पैसों को Explore न कर पाना।
- प्लान पर अमल न कर पाना।
- दूसरे के पैसों पर प्लान के मुताबिक लक्ष्य हासिल करना।
- बहुत ही ज्यादा पैसे खर्च कर देना।
- इनवेस्टमेंट नहीं करना।
सबकुछ गलत होगा ये सोच रखना
ये विचार आप कभी भी किसी भी काम को लेकर मत लाइए। जब आप पहले से ही अपने मन में ये विचार बना रखे हैं कि मैं जो भी करूंगा या करूंगी गलत ही होगा या फिर होगा भी तो अच्छा नहीं होगा। तो आपका काम अच्छा नहीं हो पाएगा, इसलिए अपने Financial Planning को बेहतर करने के लिए आप मन से Positive सोचें।
अपनी क्षमता से ज्यादा की प्लानिंग कर लेना
Finance की प्लानिंग करते समय जोश-जोश में हम उन चीजों की प्लानिंग कर बैठते हैं, जो कि हमारी क्षमता से बहुत ज्यादा होता है और फिर क्षमता से ज्यादा प्लानिंग होने की वजह से हमें बहुत ज्यादा निराशा हो जाती है और हम दोबारा प्लानिंग करने से डरने लगते हैं।
अपने पैसों को Explore न कर पाना
ये गलती बहुत सामान्य हैं। हम अपने जिन पैसों को कई फील्ड में लगाना चाह रहे हैं उन्हें किन्हीं कारणों की वजह से लगा नहीं पाते। अगर आप अपने Financial Planning के मुताबिक अपने लक्ष्य को हासिल करना चाह रहे हैं तो आपको इस गलती से भी बचकर रहना होगा।
प्लान पर अमल न करना
अगर आपने अपने प्लान को सही ढ़ंग से अमल में नहीं लाया, तो इससे ये होगा कि आपने जो भी काम किया वो पूरी तरह से बेकार हो जाएगा और ये गलती करने के बाद आप financial planning को ही गलत समझने लग जाएगें।
दूसरों के पैसों पर प्लान के मुताबिक लक्ष्य हासिल करना
दूसरों की चीजों से किसका भला हुआ है इसलिए दूसरों के पैसों से भी किसी का भला नहीं होगा। अगर आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने हैं तो आपको अपने ही पैसों का इस्तेमाल करना होगा। आपने अपनी Finance की प्लानिंग ही इसलिए की है कि आप अपने लक्ष्य को खुद के दम पर पा सकें। मगर जैसे ही आप दूसरों के पैसों का इस्तेमाल अपने प्लान के लिए करने लगे वैसे ही आप ही अपने Finance Planning को बेकार कर देते हैं।
बहुत ही ज्यादा पैसा खर्च कर देना
आजकल के युवाओं के बीच ये सबसे बड़ी गलती है। दरअसल वो पैसों को कमाना, प्लान करना सब समझ जाते हैं मगर पैसों को सही जगह पर लगा नहीं पाते हैं। पैसों को बेमानी तरीके से बहुत ज्यादा खर्च करने लग जाते हैं, तो ये गलती भी आपको नहीं करना है।
इनवेस्टमेंट नहीं करना
इनवेस्टमेंट नहीं करना ये एक दो लोगों की नहीं बल्कि पूरे देश की ही गलती है। हमारा देश सेविंग करने में तो बहुत आगे है, लेकिन इनवेस्टमेंट करने में बहुत पीछे हैं। इनवेस्टमेंट से पैसे सर्कुलर मोड (Circular Mode) में आ जाते हैं और मार्केट में घूमते रहते हैं। जिससे और पैसा बनता है।
इंडिया में 4-5% लोग ही इनवेस्टमेंट करते हैं, वहीं यूएस की बात करें तो वहां 60-70% लोग इनवेस्टमेंट करते हैं। ये भी एक वजह यूएस की इकोनॉमी ज्यादा होने की है, इसलिए अगर आप भी finance की प्लानिंग कर रहे हैं तो इस पहलू को जरूर शामिल करें।
Finance और Economy के बीच अंतर क्या है?
हमारे बीच में सारे लोग Finance और Economy के बीच अंतर नहीं समझ पाते हैं, तो चलिए इन दोनों के बीच के अंतर को भी समझ लेते हैं। Economy एक तरह से प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्युशन और ट्रेड से जुड़ा पूरा एक एरिया है। वहीं Finance उसका एक पार्ट हैं। Finance के जरिए Economy को बढ़ाया जा सकता है। इकोनॉमी के अंदर देश, क्षेत्र और मार्केट का Performance आता है।
ये Finance Analysis क्या है?
चलिए अब समझते हैं कि ये Finance Analysis क्या होता है?
दरअसल जब Finance का अच्छे तरह से Analysis किया जाता है, तो उसे Finance Analysis कहते हैं। इसका इस्तेमाल बिजनेस में किया जाता है, इससे कंपनी का Financial Data के लिए एक अलग ही View तैयार होता है।
मोटा मोटा समझना चाहे तो अपने लिए Financial Planning की जाती है और जब वहीं कोई कंपनी करें तो वो Financial Analysis हो जाता है, क्योंकि कंपनी के और भी बहुत सारे और भी Aspect सामने आता है जिन्हें किसी भी कंपनी को Systematic Way में रखना बहुत जरूरी है।
इस समय मार्केट में कर्ई Finance Analytics Software हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं- Freshbooks, Sage 50cloud, FreeAgent, Sage Business Cloud Accounting, Zoho Books, Carta, Younium, Float, Xero, QuickBooks Enterprise, ProForecast, Expensify.
चलिए ये जान लेते हैं कि Financial Analytics किन-किन चीजों के लिए किया जा सकता है-
- Client का पूर्वानुमान
- Sales का पूर्वानुमान
- प्रोडक्ट के मुनाफे का पूर्वानुमान
- Cash flow analytics के तौर पर
- कीमतों के आंकलन में etc.
Finance Tips
Blog के आखिर में आपके लिए Finance से जुड़े कुछ tips हाजिर हैं-
उधार के पैसे से कभी भी चीजें न खरीदे और न ही कोई बिजनेस शुरू करें।
अपने रिटायरमेंट फंड और इमरजेंसी फंड को हमेशा अलग-अलग ही रखें।
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